SOS
#करप्शनवेद: आज से ५वाँ वेद प्रारम्भ
जिज्ञासा और समाधान
सूत्र १:बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे?
सूत्र २: हम सब बराबर के भागीदार हैं, हमें ही दूर करना होगा/
#करप्शनवेद: आज से ५वाँ वेद प्रारम्भ
जिज्ञासा और समाधान
सूत्र १:बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे?
सूत्र २: हम सब बराबर के भागीदार हैं, हमें ही दूर करना होगा/
प्रस्तावना: P.D.Ouspenksy ने एक बुक लिखी है "Tertium Organum"जिसमे उन्होंने विश्व-समाज को सुधारने का तीसरा रास्ता सुझाया है/ विदेशी थे इसलिए उन्होंने अपने नाम से यह वेद प्रकाशित कराया/ भारत के वेद 'अपौरुषेय', हैं ,इसलिए ऋषियों ने अपना नाम नहीं लिखा/ उस के बाद एक युगपुरुष ने '4th way' लिखा --लेकिन समाधान नहीं मिला/ तथाकथित सभ्य समाज की स्थिति बद से बदतर होती गयी/
गलती एक ही हुई है, सब समाज को सुधारने की बात करते हैं लेकिन अपने को सुधारने की बात कोई मानने को तैयार नहीं होता/ हर व्यक्ति समाज का हिस्सा है, तो अगर एक आदमी सधार जाए तो कम से कम समाज की एक इकाई सुधर गयी /अच्छी शुरुआत हो गयी/ और जब एक अकेला भी शुरुवात करता है ,तो कारवां बनने लगता है/
एक स्पेनिश ऋषि ने ४० वर्षों और ८५ देशों में research या survey करने के बाद अपना निष्कर्ष प्रकाशित किया/ जो बहुत ही चौंकाने वाला था/
निष्कर्ष: १५ % आदमी अच्छे होते हैं और उन्हें बिगाड़ा नहीं जा सकता/
१५ % आदमी बुरे होते हैं, और उन्हें सुधारा नहीं जा सकता /
७० % आदमी तटस्थ होते हैं/ मौका देख कर अच्छा बन जाते हैं और मौक़ा देख कर कोई भी बुरा कर्म करने से नहीं चुकते/
निष्कर्ष: १५ % आदमी अच्छे होते हैं और उन्हें बिगाड़ा नहीं जा सकता/
१५ % आदमी बुरे होते हैं, और उन्हें सुधारा नहीं जा सकता /
७० % आदमी तटस्थ होते हैं/ मौका देख कर अच्छा बन जाते हैं और मौक़ा देख कर कोई भी बुरा कर्म करने से नहीं चुकते/
जब सत्ता अच्छे व्यक्तियों के हाथ में होती है तो १५+७०=८५% लोग अच्छे हो जाते हैं/
जब सत्ता बुरे व्यक्तियों के हाथ में होती है, तो १५+७०=८५% लोग बुरे हो जाते हैं/
(India में यह ३-३-९४ है)
-------------------------------
जब सत्ता बुरे व्यक्तियों के हाथ में होती है, तो १५+७०=८५% लोग बुरे हो जाते हैं/
(India में यह ३-३-९४ है)
-------------------------------
५ वें वेद का उद्देश्य: मैंने यह प्रॉब्लम लगभग हर platform पर उठाने की कोशिश की-नेताओं से मिला और उन को लिखा,बाबु लोगों से मिला, पत्रकारों से मिला,news papers को लिखा --कोई फायदा नहीं हुआ/ इसलिए होली की भांग ने यह idea दिया , डिजिटल मीडिया आजकल बहुत सशक्त है , क्यों न यहाँ भी प्रयास किया जाए/ इसलिए मैं इसे F/B और Tweeter पर उठा रहा हूँ/
मेरा परिचय: मेरा ३५ वर्षों का private sector में काम करने का अनुभव है/ CEO;GM (works) & Plant Incharge जैसे top position me २३ वर्ष तक काम किया है/ ३५ वर्षों में २० कम्पनीज में काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ इस जिद के कारण/
अभी Retired but not tired, लेकिन कुच्छ करने की ज्वाला अभी तक जल रही है/
Ed.Q.:M.Sc.(Chem.); A.T.A (Textile Processing); D.I.E.M.(Apparels)
Keen student of Human Psychology and Spirituaity.
अभी Retired but not tired, लेकिन कुच्छ करने की ज्वाला अभी तक जल रही है/
Ed.Q.:M.Sc.(Chem.); A.T.A (Textile Processing); D.I.E.M.(Apparels)
Keen student of Human Psychology and Spirituaity.
K.K. Sharma
09953312683
Em:krishan.sharma.vats@gmail.com
Tw.:@kksharma1469
09953312683
Em:krishan.sharma.vats@gmail.com
Tw.:@kksharma1469
P.S. इस वेद को निर्मित करने में सब से करबद्ध प्रार्थना/ कृपया अभद्र भाषा का प्रयोग न करें और शिष्टता का ध्यान रखें/
No comments:
Post a Comment