Krishnanand Saraswati/ Sharma Ji k 4 bandar

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Monday, March 9, 2015

#करप्शनवेद :सूत्र ३

‪#‎करप्शनवेद‬
२ सूत्र लिखे जा चुके हैं ..
३ सरा सूत्र : बीज से शुरू , बीज पर समाप्त
किसी भी जीव की (इकाई) की यात्रा जीवन से शुरू होकर मौत पर समाप्त
होती है और उसकी मौत पर समाप्त हो जाती है/ पर वह जीव अपनी इस 
यात्रा में सन्तान को जन्म देता है सन्तान एक या एक से ज्यादा हो सकती
है/

चूँकि यह करप्शनवेद है तो लिहाजा चर्चा करप्शन पर ही होगी. और आजाद भारत में करप्शन के जन्म से शुरू होगी ..
प्रश्न १.: आजाद भारत में करप्शन का जन्म कब, कहाँ और कैसे हुआ होगा ?
जो मित्र भी इस चर्चा मैं शामिल होना चाहें उनका स्वागत है / गूंगे -बहरों(डिफरेंटली abled) का भी स्वागत है/ आखिर मजा लेने वाले भी तो चाहियें/ इनके बिना तो करप्शनवेद का लिखा जाना संभव नहीं होता , क्योंकी असल मैं यही लोग करप्शन जंगल के चौकीदार हैं / और ये अपनी जिम्मेदारी बड़ी निष्ठा से निभाते हैं ...बीज से शुरू हुआ और जंगल बन गया और जंगल का निरंतर विस्तार होता जा रहा है...
P.S. कमेंट्स मैं भाषा और शालीनता का ध्यान रखा जाये/ शैली परिहास की हो सकती है मगर उपहास वर्जित है /

के.के.शर्मा
०९९५३३१२६८३
Em:krishan.sharma.vats@gmail.com
Tw.:@kksharma1469
Blog: Krishnanand101.blogspot.com

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